अभिषेक सिंह: जनता के बीच से उठकर संसद तक का सफर
पढ़िए पूर्व लोकसभा सांसद अभिषेक सिंह की प्रेरणादायी जीवन यात्रा — बचपन, शिक्षा, राजनीति में कदम, सांसद रहते उपलब्धियां और जनता के बीच उनका जुड़ाव।
लेखक: [ आकाश अग्रवाल ] POLICE DOST
" कवर्धा की मिट्टी से उठकर दिल्ली की संसद तक — यह कहानी है एक ऐसे युवा नेता की, जिसने अपने गांव की गलियों में खेलते-खेलते बड़े सपने देखे और उन्हें हकीकत में बदलने के लिए दिन-रात मेहनत की। यह सिर्फ राजनीति का नहीं, बल्कि सेवा और समर्पण का सफर है — अभिषेक सिंह का सफर।"
कवर्धा और राजनांदगांव के हरे-भरे खेतों, मिट्टी की महक और गांव के मेलों की रौनक के बीच जन्मे अभिषेक सिंह का बचपन बिल्कुल आम था, लेकिन सपने बड़े। एक किसान परिवार में पले-बढ़े, अभिषेक ने बहुत जल्दी समझ लिया था कि अगर बदलाव लाना है, तो उसकी शुरुआत खुद से करनी होगी।
बचपन में स्कूल जाते समय मिट्टी से सने पैरों के साथ वह अक्सर सोचते — “हमारे गांव में भी शहर जैसी सड़कें और सुविधाएं क्यों नहीं हैं?” यही सवाल उनके भीतर एक जज़्बा जगाता रहा।
शिक्षा और शुरुआती दौर
अभिषेक ने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव के स्कूल से की और फिर उच्च शिक्षा के लिए रायपुर और दिल्ली का रुख किया। दिल्ली में पढ़ाई के दौरान उन्हें राजनीति और समाजसेवा की गहरी समझ मिली। वे मानते थे कि “शिक्षा सिर्फ डिग्री लेने का जरिया नहीं, बल्कि सोच को बदलने का सबसे बड़ा हथियार है।”
राजनीति में कदम
घर में राजनीति का माहौल पहले से था, लेकिन अभिषेक का राजनीति में आना किसी पारिवारिक दबाव का नतीजा नहीं था। वे खुद लोगों की समस्याएं सुनते, उनके बीच रहते और समाधान खोजने की कोशिश करते। यही जुड़ाव उन्हें 2014 में लोकसभा चुनाव के मैदान तक ले आया।
उस समय राजनांदगांव की जनता ने उन्हें अपने प्रतिनिधि के तौर पर दिल्ली भेजा। संसद में उनकी पहचान एक युवा, ऊर्जावान और साफ-सुथरी छवि वाले नेता के रूप में बनी।
सांसद रहते उपलब्धियां
ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क और बिजली परियोजनाओं को तेज गति देना
शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को गांव तक पहुंचाना
युवाओं के लिए रोजगार प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करना
किसानों के लिए सिंचाई परियोजनाओं और आधुनिक खेती के साधन उपलब्ध कराना
वे अक्सर बिना प्रोटोकॉल के गांवों में जाते और सीधे लोगों से मिलते। कई बार तो लोग हैरान रह जाते कि सांसद साहब अचानक खेतों में खड़े मिल गए।
व्यक्तिगत जीवन
सादा जीवन, स्पष्ट विचार — यही उनकी पहचान है। छुट्टियों में वे अपने गांव लौटते, खेतों में काम करते और बचपन के दोस्तों के साथ चौपाल पर बैठते।
आज और कल
अभिषेक सिंह का मानना है कि राजनीति सिर्फ चुनाव जीतने का नाम नहीं, बल्कि हर दिन जनता का भरोसा जीतने की जिम्मेदारी है। वे अब भी समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए सक्रिय हैं और युवाओं को प्रेरित करते रहते हैं कि “अगर बदलाव चाहिए, तो आगे बढ़कर जिम्मेदारी लो।”
instagram source Image - @cgabhisheksingh
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