11 अस्पतालों में CGMSC ने भेजी घटिया क्वालिटी की पेरासिटामोल:दो साल तक मरीजों को यही दवा खिलाई गई, लगभग स्टॉक खत्म होने के बाद लगाया बैन
छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन (CGMSC) द्वारा सप्लाई की जा रही दवाओं के मानकहीन पाए जाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। गुरुवार को फिर पेरासिटामोल के 3 बैच के उपयोग और वितरण रोकने के आदेश जारी किया। दवा गोदाम रायपुर में इन्हें तुरंत वापस भेजने के निर्देश दिए गए हैं। ये दवाइयां लगभग पिछले दो साल से उपयोग हो रही थीं। और एक्सपायर होने की कगार पर थीं। यानी लगभग दवाइयां बांटी जा चुकी थी। दो दिन पहले भी पिछले 14 महीने से बच्चों को खिलाई जाने वाली कृमि की दवा एल्बेंडाजोल टैबलेट (डी 12) के कुल 6 बैच के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई थी। दवाओं के इन बैच पर लगाई गई रोक: 14 महीने से बच्चों को दी जा रही कृमि की दवाइयों पर लगा था बैन छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज लिमिटेड (CGMSC) ने पिछले 14 महीने से बच्चों को खिलाई जाने वाली कृमि की दवा एल्बेंडाजोल टैबलेट (डी 12) के कुल 6 बैच के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। इन दवाओं का इस्तेमाल अंबेडकर अस्पताल, डीकेएस सुपर-स्पेश्यिलिटी अस्पताल, रायपुर के स्वास्थ्य केंद्रों समेत बलौदाबाजार के अस्पतालों किया जा रहा था। इनमें से 4 बैच जून 2024 के हैं, जो अब लगभग खत्म होने के कगार पर हैं। वहीं बाकी 2 बैच मार्च 2025 के हैं। इन दवाओं की सप्लाई अस्पतालों के साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों में भी की जाती है। जारी आदेश के अनुसार एफ्फी पैरेंटल्स की एल्वेंडाजोल टैबलेट के 4 बैच जो जून 2024 में बने हैं। और 2 बैच जो मार्च 2025 के हैं। इन दवाओं को बचे हुए स्टॉक को अस्पतालों से वापस मंगाया गया है। जानकारी के अनुसार दवाई को बने 14 महीने से ज्यादा हो चुके हैं। यानी पिछले 14 महीने से बच्चों को खराब दवाइयां ट्रीटमेंट के लिए जा रही थी। दवा, इंजेक्शन और किट निकले घटिया हालांकि ये पहली बार नहीं है जब CGMSC की ओर से सप्लाई किए जा रहे मेडिकल प्रोडक्ट्स और दवाओं में खामियां निकली हैं। महीने भर पहले ही जंग लगी सर्जिकल ब्लेड सप्लाई कर दी गई थी। इस तरह पिछले पांच महीने में 3 दवाओं, 5 इंजेक्शन, 4 उपकरण और किट घटिया क्वालिटी के निकल चुके हैं। अब समझिए खराब एल्बेंडाजोल का असर क्या हो सकता है खराब क्वालिटी का मतलब है – दवा में पर्याप्त सक्रिय तत्व न होना, गलत तरीके से मैन्युफैक्चरर होना या कंटामिनेशन होना। इसके नुकसान इस प्रकार हो सकते हैं:
छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन (CGMSC) द्वारा सप्लाई की जा रही दवाओं के मानकहीन पाए जाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। गुरुवार को फिर पेरासिटामोल के 3 बैच के उपयोग और वितरण रोकने के आदेश जारी किया। दवा गोदाम रायपुर में इन्हें तुरंत वापस भेजने के निर्देश दिए गए हैं। ये दवाइयां लगभग पिछले दो साल से उपयोग हो रही थीं। और एक्सपायर होने की कगार पर थीं। यानी लगभग दवाइयां बांटी जा चुकी थी। दो दिन पहले भी पिछले 14 महीने से बच्चों को खिलाई जाने वाली कृमि की दवा एल्बेंडाजोल टैबलेट (डी 12) के कुल 6 बैच के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई थी। दवाओं के इन बैच पर लगाई गई रोक: 14 महीने से बच्चों को दी जा रही कृमि की दवाइयों पर लगा था बैन छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज लिमिटेड (CGMSC) ने पिछले 14 महीने से बच्चों को खिलाई जाने वाली कृमि की दवा एल्बेंडाजोल टैबलेट (डी 12) के कुल 6 बैच के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। इन दवाओं का इस्तेमाल अंबेडकर अस्पताल, डीकेएस सुपर-स्पेश्यिलिटी अस्पताल, रायपुर के स्वास्थ्य केंद्रों समेत बलौदाबाजार के अस्पतालों किया जा रहा था। इनमें से 4 बैच जून 2024 के हैं, जो अब लगभग खत्म होने के कगार पर हैं। वहीं बाकी 2 बैच मार्च 2025 के हैं। इन दवाओं की सप्लाई अस्पतालों के साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों में भी की जाती है। जारी आदेश के अनुसार एफ्फी पैरेंटल्स की एल्वेंडाजोल टैबलेट के 4 बैच जो जून 2024 में बने हैं। और 2 बैच जो मार्च 2025 के हैं। इन दवाओं को बचे हुए स्टॉक को अस्पतालों से वापस मंगाया गया है। जानकारी के अनुसार दवाई को बने 14 महीने से ज्यादा हो चुके हैं। यानी पिछले 14 महीने से बच्चों को खराब दवाइयां ट्रीटमेंट के लिए जा रही थी। दवा, इंजेक्शन और किट निकले घटिया हालांकि ये पहली बार नहीं है जब CGMSC की ओर से सप्लाई किए जा रहे मेडिकल प्रोडक्ट्स और दवाओं में खामियां निकली हैं। महीने भर पहले ही जंग लगी सर्जिकल ब्लेड सप्लाई कर दी गई थी। इस तरह पिछले पांच महीने में 3 दवाओं, 5 इंजेक्शन, 4 उपकरण और किट घटिया क्वालिटी के निकल चुके हैं। अब समझिए खराब एल्बेंडाजोल का असर क्या हो सकता है खराब क्वालिटी का मतलब है – दवा में पर्याप्त सक्रिय तत्व न होना, गलत तरीके से मैन्युफैक्चरर होना या कंटामिनेशन होना। इसके नुकसान इस प्रकार हो सकते हैं: