फिर निगम की टीम प्रहरी का अभियान, 15 ठेले हटाए, सामान को सडक से किया जब्त
हैरानी ये कि स्मार्ट सिटी के तहत बूढ़ातालाब धरनास्थल की जगह पर सवा करोड़ रुपए खर्च कर वेंडर जोन के रूप में काम कराया, लेकिन, वह जगह आज भी खाली पड़ी है।
वेंडर जोन के अभाव में सबसे ज्यादा सड़कें घिर रही हैं। एक-एक सड़क पर तीन से चार बार टीम प्रहरी अभियान चला रही है, लेकिन दो-चार दिन बीतने के बाद दोबारा पहले जैसी ही स्थिति निर्मित हो रही है। त्योहारी सीजन में एक बार फिर निगम की टीम प्रहरी ने शहर के बीच बाजार में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। गुरुवार को हल्का विरोध, आपत्ति के बीच निगम का दस्ता जवाहर बाजार से एवरग्रीन चौक, शास्त्रीबाजार वाली रोड को अतिक्रमण से खाली कराया। इस दौरान लगभग 15 ठेले हटाए, लगभग 10 पसरा व्यापारियों के सामान को सडक से जब्त किया।
वेंडर जोन की योजना अब तक फाइलों से बाहर नहीं निकली
दरअसल, सड़कों के किनारे, पसरा, ठेले, खोमचे वालों को व्यवस्थित कारोबार की जगह मुहैया कराने के लिए निगम प्रशासन ने वेंडर जोन की योजना तो बनाई, लेकिन वो फाइलों से बाहर नहीं निकली। नतीजा छोटे-छोटे काम-धंधा करने वाले सबसे अधिक शहर के ट्रैफिक वाली सड़कों पर ही कारोबार करने मजबूर हैं। हैरानी ये कि स्मार्ट सिटी के तहत बूढ़ातालाब धरनास्थल की जगह पर सवा करोड़ रुपए खर्च कर वेंडर जोन के रूप में काम कराया, लेकिन, वह जगह आज भी खाली पड़ी है।
गोलबाजार, जवाहर बाजार से लेकर शास्त्री बाजार तक एक जैसे हालात
शहर के सबसे पुराने गोलबाजार, जवाहर बाजार के सामने और चिकनी मंदिर से लेकर बैजनाथपारा, एवरग्रीन चौक रोड से शास्त्रीबाजार में एक जैसी स्थिति 24 घंटे रहती है। जोन- 4 और निगम मुख्यालय का दस्ता एक साथ इन्हीं जगहों पर अतिक्रमण से घिरी सड़कों को खाली कराने जुटा। क्योंकि बाजार में भीड़ दोगुना तक बढ़ी है। इस दौरान निगम के नगर निवेशक आभास मिश्रा और जोन 4 जोन कमिश्नर अरुण ध्रुव के नेतृत्व वाली टीम सड़कों को खाली कराने कार्रवाई को जारी रखा। उनका कहना था कि टीम प्रहरी का अभियान लगातार जारी है। इस क्षेत्र में यह चौथी-पांचवीं बार कार्रवाई करनी पड़ रही है।
अलग-अलग स्थानों पर वेंडर जोन बनाने की योजना
शहर के अलग-अलग स्थानों पर वेंडर जोन बनाने की योजना बनी है। जहां पानी, बिजली, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराना है। फंड स्वीकृत होते ही उन सभी 10 जगहों पर वेंडर जोन चालू कराया जाएगा।
आभास मिश्रा, नगर निवेशक, निगम
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