आयुर्वेद की नई खोज, अब मिलेगा तंबाकू की लत से छुटकारा, जानें फायदा…
Tobacco cessation medicine: तंबाकू की लत छोड़ने के लिए आयुर्वेदिक औषधि धातक्यादि चूर्ण और बब्बूल त्वक चूर्ण कारगर साबित हो रही है। वैज्ञानिक मान्यता भी मिल चुकी है।

Tobacco cessation medicine: अनुराग सिंह/तंबाकू की लत विश्वभर में एक गंभीर समस्या बन चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, तंबाकू सेवन से हर साल लाखों लोग मुख कैंसर, श्वसन रोग, हृदय रोग और अन्य घातक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। तंबाकू केवल एक नशा नहीं, बल्कि धीमा जहर है, जो शरीर और समाज दोनों को खोखला कर रहा है।
Tobacco cessation medicine: ड्रग आइडेंटिफिकेशन भी मिल चुका
इन्हीं समस्याओं से निजात दिलाने शासकीय आयुर्वेद कॉलेज के अगद तंत्र एवं विधि आयुर्वेद विभाग की डॉ. मुक्ता सिदार ने औषधि धातक्यादि चूर्ण और बब्बूल त्वक चूर्ण तैयार की है जिससे तम्बाकू की लत को छुड़वाया जा सकता है। इसे सुश्रुत संहिता एवं डल्हण टीका के आधार पर बनाया गया है।
इन औषधियों का प्रयोग मुखगत रोगों विशेषकर तंबाकू-प्रेरित विकृतियों पर किया जा रहा है, जो लोगों को फायदा भी पहुंचा रही हैं। दवा को केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान झांसी और स्टेट ड्रग टेस्टिंग लेबोरेटरी एवं अनुसंधान केंद्र से ड्रग आइडेंटिफिकेशन भी मिल चुका है। इसमें विभाग के विभागाध्यक्ष व स्टेट ड्रग टेस्टिंग लेबोरेटरी एवं अनुसंधान केंद्र अधिकारी प्रोफेसर डॉ. एसआर इंचुलकर के साथ ही गाइड डॉ. युवराज कौशिक, सह-गाइड डॉ. संगीता भगत, डॉ. सी.पी. सिन्हा और डॉ. खुशबू कारटे के मार्गदर्शन दे रहे हैं।
Tobacco cessation medicine: औषधियां और उनके लाभ
1 – धातक्यादि चूर्ण
गुण : रक्तशोधक, व्रणरोपक, मुखशुद्धिक, कंठ्य, प्रदाहशामक।
लाभ : तंबाकू जनित मुखपाक, छाले, अल्सर और दुर्गंध में लाभकारी।
2 – बब्बूल त्वक चूर्ण
गुण : कषाय रस प्रधान, व्रणशोधन, रक्तस्तंभक, दंत्य, दुर्गंधहर।
लाभ : मसूड़ों की सूजन, खून आना, मुख के घाव और तंबाकू से हुए संक्रमण में उपयोगी।
नहीं खुलता था मुंह
पुष्पराज (परिवर्तित नाम) ने बताया कि मैं कफी साल से गुटखा खा रहा था जिसके कारण मुंह खुलना कम हो गया था। पाचन संबंधित समस्या भी थी। मैंने जब बब्बलू त्वक चूर्ण तम्बाकू लेना शुरू किया तो दूसरे सप्ताह में पहले मुंह दो उंगली ही खुल रहा था लेकिन अब तीन उंगली खुलने लगा है।
30 साल की लत छूटी
Tobacco cessation medicine: राकेश (परिवर्तित नाम) ने बताया कि मैं 1993 से तम्बाकू का सेवन कर रहा था। जब आयूर्वेद कॉलेज आया था तो तम्बाकू के बारे पढ़ा और जानकारी ली। दवा का उपयोग शुुरू किया। तो इसका असर दिखना शुरू हो गया। पहले मैं हर 15-20 मिनट में तम्बाकू लेता था। लेकिन अब तम्बाकू लेना कम हो गया।
डॉ. मुक्ता सिदार: रिसर्च में 40 व्यक्तियों को ये दवा दी गई है। एक माह तक धातक्यादि चूर्ण शहद के साथ दिन में दो बार मजनार्थ प्रयोग करने कहा गया और दूसरे ग्रुप को बब्बूल त्वक चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर दिन में दो बार मजनार्थ प्रयोग करने को कहा गया, इससे उनकी लत में सुधार देखने को मिली है। सभी को हर सप्ताह फॉलोअप के लिए बुलाया जा रहा है।
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