CG Naxal News: आशीष शर्मा की शहादत का बदला लेगी पुलिस टीम, बॉर्डर में 15 से 17 की संख्या में हैं नक्सली, हाई अलर्ट जारी
CG Naxal News: नक्सलियों के मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ बॉर्डर एरिया में छिपे होने की जानकारी सामने आ रही है। मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों की संख्या 15 से 17 थी।
CG Naxal News: राजनांदगांव जिले के बोरतलाव क्षेत्र के कनघुर्रा जंगल में नक्सल ऑपरेशन में बुधवार को मध्यप्रदेश के बालाघाट के निरीक्षक आशीष शर्मा शहीद हो गए थे। घटना को अंजाम देने के बाद नक्सलियों के मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ बॉर्डर एरिया में छिपे होने की जानकारी सामने आ रही है। मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों की संख्या 15 से 17 थी।
नक्सलियों की ओर से टीम को एमएमसी जोन के इंचार्ज विकास नागपुरे और दर्रेकसा-मलाजखंड में सक्रिय रही हार्डकोर नक्सली रानू लीड कर रही थी। माना जा रहा है कि बस्तर क्षेत्र में बड़े लीडर के मारे जाने के बाद घबराए हुए नक्सली बॉर्डर में छिप रहे हैं। निरीक्षक आशीष की शहादत का बदला लेने के लिए पुलिस टीम बॉर्डर हर क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चला रही है।
बालाघाट पुलिस को मौजूदगी की सूचना मिली थी। बताया गया कि पुलिस बुधवार को इंस्पेक्टर आशीष शर्मा के नेतृत्व में जंगल में सर्च ऑपरेशन में जुटी थी। नक्सलियों ने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी गई। नक्सलियों की गोली लगने से इंस्पेक्टर आशीष शहीद हो गए थे।
बालाघाट पुलिस बुधवार को हार्डकोर नक्सली विकास नागपुरे और रानू की मौजूदगी की जानकारी पर सर्चिंग करने निकली थी। घटना स्थल कनघुर्रा चूंकि तीनों राज्यों का बॉर्डर है। महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ पुलिस को इसकी जानकारी देकर ऑपरेशन में शामिल किया गया था। फोर्स ठिकाने तक पहुंचती इससे पहले नक्सलियों ने बालाघाट पुलिस दल पर गोली बारी शुरू कर दी।
नक्सलियों के गोलीबारी में इंस्पेक्टर आशीष के पेट और दोनों पैर में गोली घुस गई। मुठभेड़ स्थल मुख्य मार्ग से 2 किलोमीटर की दूरी पर है। ऐसे में एम्बुलेंस की पहुंचने में विलंब हो गई और डोंगरगढ़ अस्पताल लाने के कुछ देर बाद इंस्पेक्टर आशीष ने अंतिम सांस ली।
तीन साल में 7 हार्डकोर नक्सलियों को मार गिराया था
शहीद इंस्पेक्टर आशीष ने 10 साल की सेवाकाल में नक्सलियों के खिलाफ अपने अदम्य साहस के दम पर तारीफे काबिल काम किया था। उनकी बहादूरी के कारण राज्य सरकार उन्हें डीएसपी पद पर प्रमोट करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही थी। आशीष ने गुजरे तीन साल में 7 नक्सलियों को मार गिराया था। जिसके चलते उसे दो बार राष्ट्रीय वीरता पदक का सम्मान मिला था।
2016 बैच के उपनिरीक्षक आशीष को गैलेंट्री अवार्ड के चलते आउट ऑफ टर्न प्रमोशन से निरीक्षक बनाया गया था। निरीक्षक बनने के बाद भी वह लगातार नक्सलियों से भिड़ने के लिए अमादा रहे। आशीष ने 2022 में हर्राटोला मुठभेड़ में 14 लाख इनामी हार्डकोर नक्सली एमसीएम रुपेश उर्फ हुंगा डोडी, 2023 में कादला के मुठभेड़ में 28 लाख इनामी हार्डकोर नक्सली एसीएम सुनीता एवं सरिता को मार गिराया। 2025 में ग्राम रौंदा के मुठभेड़ में 62 लाख इनामी हार्डकोर नक्सली कमांडर आशा, एसीएम रंजीता और सरिता लख्खे को मार गिराने में सफलता हासिल की थी।
गृहग्राम गाडरवाड़ा में अंतिम विदाई दी
शहीद आशीष शर्मा का पार्थिव शरीर गुरुवार को डोंगरगढ़ से रात करीब साढ़े 3 बजे जिला मुख्यालय बालाघाट पहुंची। सुबह शहीद इंस्पेक्टर आशीष को बालाघाट पुलिस के आला अफसरों के अलावा राजनीतिक दलों व प्रबुद्ध लोगों ने पुष्प अर्पित किए। तिरंगे में लिपटे शहीद अफसर को श्रद्धांजलि के साथ सलामी दी गई। इसके बाद उनके शव को गृहग्राम नरसिंगपुर जिले के गाडरवाड़ा भेजा गया। जहां गमगीन माहौल में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
मुठभेड़ के बाद नक्सलियों की तलाश में तीनों राज्यों की पुलिस संयुक्त रुप से सर्चिंग तेज कर दी है। नक्सलियों के खिलाफ बोरतलाव थाना में विभिन्न धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
- अभिषेक शांडिल्य , आईजी राजनांदगांव रेंज
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