CG Cyber Crime News: फर्जी .APK फाइल से मोबाइल हैक कर ठगी, RTO E-चालान–इंश्योरेंस–PM किसान योजना के नाम पर अंतरराज्यीय साइबर अपराधी गिरफ्तार
छत्तीसगढ़ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी .APK फाइल के जरिए मोबाइल हैक कर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया। अपराधी RTO E-चालान, इंश्योरेंस और PM किसान योजना जैसी सरकारी सेवाओं के नाम पर लोगों को निशाना बना रहे थे। पुलिस ने साइबर नेटवर्क का खुलासा करते हुए ठगी में इस्तेमाल डिजिटल साक्ष्य भी जब्त किए हैं।
**ऑपरेशन साइबर शील्ड: अंतरराज्यीय साइबर अपराधियों पर बड़ी कार्रवाई
Raipur News। ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत रायपुर रेंज पुलिस ने अंतरराज्यीय साइबर अपराधियों के संगठित नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 6 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। ये साइबर अपराधी फर्जी .APK फाइल बनाकर लोगों के मोबाइल हैक कर लाखों की ठगी किया करते थे।
पुलिस महानिरीक्षक रायपुर रेंज श्री अमरेश मिश्रा के निर्देश पर विशेष अभियान चलाया गया, जिसके तहत दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश में दबिश देकर पूरे गिरोह को पकड़ा गया।
देशभर में फैला साइबर ठगी का नेटवर्क — फर्जी APK बनाकर मोबाइल हैक करने का खुलासा
गिरोह लोगों को सरकारी योजनाओं, बैंकिंग सेवाओं, बीमा, ई-चालान और पीएम योजनाओं के नाम पर फर्जी APK भेजकर मोबाइल का पूरा नियंत्रण हासिल कर लेता था।
RTOechallan.apk, PMkisanyojna.apk, Insurance.apk, SBIcreditcard.apk, Fastag.apk, CSCservicejoin.apk, ICICIBank.apk, Ayushman.apk, Customer_support.apk जैसी कई फर्जी फाइलों के साक्ष्य पुलिस ने बरामद किए हैं।
फर्जी APK कैसे बनाते थे आरोपी?
18 वर्षीय आरोपी धर्मजीत सिंह, लोना वाला (महाराष्ट्र), द्वारा विशेष तकनीक का उपयोग कर फर्जी APK तैयार किया जाता था।
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फाइल में मैलिशियस कोड एम्बेड कर दिया जाता था,
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जो इंस्टॉल होते ही पीड़ित के मोबाइल को पूरी तरह हैक कर देता था।
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बैंकिंग OTP, पासवर्ड, कॉन्टैक्ट लिस्ट, मैसेज, गैलरी आदि सब कुछ अपराधियों के पास पहुंच जाता था।
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इसके बाद अपराधी पीड़ित के खाते से लाखों रुपये निकाल लेते थे।
धर्मजीत यह फर्जी APK फाइलें टेलीग्राम ग्रुपों में 500+ हैकर्स को बेचता था, जिसे आगे WhatsApp समूहों में सरकारी ऐप बताकर लोगों को भेजा जाता था।
मोबाइल हैक की प्रक्रिया — एक क्लिक में पूरा फोन अपराधियों के कब्जे में
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पीड़ित को WhatsApp में फर्जी APK भेजा जाता था
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क्लिक करते ही फाइल डाउनलोड हो जाती थी
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इंस्टॉल होते ही मोबाइल पूरी तरह हैक
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बैंकिंग ऐप्स, OTP, पासवर्ड, गैलरी सब कुछ अपराधी के नियंत्रण में
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फिर पीड़ित के नंबर से अन्य लोगों को वही APK भेज दिया जाता था
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चेन बनाकर बड़ी संख्या में लोग फंस जाते थे
फंड फ्लो: ठगी की रकम कैसे घूमती थी?
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मोबाइल हैक करने वाले मुख्य आरोपी सौरभ कुमार और आलोक कुमार
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ठगी की गई राशि म्यूल अकाउंट में भेजते थे
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वहां से रकम चांद मोहम्मद के माध्यम से
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इमरान अंसारी (आसनसोल) को भेजी जाती थी
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जहां से ATM के जरिए नकदी आसानी से निकाल ली जाती थी
दो मामलों में लाखों की ठगी — मोबाइल हैक कर उड़ाए गए 17.12 लाख रुपये
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प्रार्थिया अर्चना भदौरिया को RTOechallan.apk भेजकर
₹5.12 लाख की ठगी -
प्रार्थी महेश कुमार साहू को PMkisanyojna.apk भेजकर
₹12 लाख की ठगी
इन दोनों प्रकरणों पर क्रमशः थाना टिकरापारा (अ.क्र. 734/25) एवं थाना राखी (अ.क्र. 132/25) में धारा 318(4), 3(5) भारतीय न्याय संहिता के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। दोनों मामलों की विवेचना रेंज साइबर थाना रायपुर द्वारा की जा रही है।
5 राज्यों में रेड — 6 साइबर अपराधी गिरफ्तार
तकनीकी विश्लेषण के आधार पर अलग-अलग राज्यों में दबिश देकर निम्न आरोपियों को गिरफ्तार किया गया—
1. सौरव कुमार (बिहार/नोएडा)
भूमिका: फर्जी कंपनी बनाकर बैंक खाता उपलब्ध कराना, ड्राई फ्रूट सेल्समैन
2. आलोक कुमार (बिहार/दिल्ली)
भूमिका: म्यूल बैंक अकाउंट जुटाना व बेचना
3. चांद बाबू (शिवपुरी, मध्यप्रदेश)
भूमिका: ठगी की रकम बैंक से निकालना
4. धर्मजीत सिंह (लोनावाला, महाराष्ट्र)
भूमिका: फर्जी APK बनाने वाला मुख्य हैकर
5. मोहम्मद इरफान अंसारी (आसनसोल, पश्चिम बंगाल)
भूमिका: पीड़ितों को .APK भेजना, मोबाइल दुकान संचालक
6. मारूफ सिद्दीकी अंसारी (ठाणे, महाराष्ट्र)
भूमिका: म्यूल अकाउंट संग्रहकर्ता
गिरफ्तार आरोपियों के खातों में ₹2 लाख रुपये होल्ड कराए गए हैं। ठगी की रकम से मोबाइल दुकान में सामान खरीदने के प्रमाण भी मिले हैं। बाकी रकम की ट्रेसिंग जारी है।
जनता के लिए पुलिस की महत्वपूर्ण अपील
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मोबाइल पर आए किसी भी अज्ञात लिंक या APK फाइल को न खोलें
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केवल Google Play Store से ही ऐप डाउनलोड करें
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ऐप इंस्टॉल करते समय अनावश्यक Permissions न दें
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मोबाइल में एंटीवायरस जरूर उपयोग करें
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यदि मोबाइल हैक लगे:
✓ SIM निकाल दें
✓ मोबाइल को फ्लाइट मोड पर कर दें -
किसी भी साइबर धोखाधड़ी पर तत्काल राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन 1930 या
www.cybercrime.gov.inपर शिकायत करें
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